गलत तो है हुआ, पर क्यों हुआ, ये बात सोचो तो, सियासत में मिलायी किसने धर्म और जात सोचो तो, के जो तुम झुंड में निकले हो सब कुछ फूंक देने को, मुखालिफ है तुम्हारे भी , कुछ जज़्बात, सोचो तो, मुद्दा क्या था और क्या हो गया , तुम्हारी हरकत से, धरम को गाली देती , ऐ मज़हबी ज़मात! सोचो तो, बसों को फूंक कर, आदर्श को गाली को तो दी तुमने, बिगाड़े किसने हैं ये मुल्क में हालात, सोचो तो, जो इक ज्वाला सी उट्ठी थी उसे मैला किया तुमने, तुम्हारे खून में है सन् गयी खुराफात, सोचो तो, सियासत के मसहलों पर ये नारें दीन के क्यों हैं, किस गज़वे की करना चाहते शुरुआत, सोचो तो, तुम्हारी ओर हो या इस तरफ, हिंसा तो हिंसा है, बहा है खून हिन्दुस्तानी ही , हज़रात! , सोचो तो, हमने कब तुम्हारे हक में ताकत है नहीं झोंकी, तुम्हारे साथ हम भी हैं चले, दिन रात ,सोचो तो, मगर अब ठोक कर छाती तुम्हारी चाल रोकेंगे, कब तक हम सहेंगे साजिशी आघात सोचो तो, जो टुकड़ों और आज़ादी के मंसूबे सजाये हो, उन्हें पूरा करो तुम इतनी नहीं औकात , सोचो तो, #CAAB#NRC#Riot#struggle#fanatism#nation#effort#revolution#violence