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तासीर मेरी उल्फ़त की, भुला न सकोगी, उजड़े चमन म

तासीर मेरी उल्फ़त की, भुला  न  सकोगी, 
उजड़े  चमन  में   फूल, खिला न  सकोगी। 
हिज्र  में भी  फलती  रहेगी  उल्फ़त हमारी -
हाल-ए -दिल  किसी  को, बता न सकोगी। #Love #BreakUp #urdu #मुत्तक़
तासीर मेरी उल्फ़त की, भुला  न  सकोगी, 
उजड़े  चमन  में   फूल, खिला न  सकोगी। 
हिज्र  में भी  फलती  रहेगी  उल्फ़त हमारी -
हाल-ए -दिल  किसी  को, बता न सकोगी। #Love #BreakUp #urdu #मुत्तक़