यह टीचर की विदाई का कविता खिलता हुआ गूलब थे आप हमरे अधरे जीवन ज्ञान के दीपक थे आप हम सब बच्चे थे नादान पढ़ने में नहीं था ज्ञान हमरे भूलो को माफ करिए दे कर विद्या का दान अपने अनमोल शिक्षा को खेल खेल में हमें सिखाया संस्कारों का पाठ हमें पढ़ाया सही गलत का ज्ञान कराया हमारे लिए विश्वास जगाया मंजिल तक पहुंचाने का रास्ता दिखा दिया हमारे आंगन छोड़ कर जा रहे हैं आप जीवन में सदा सुख रहो आप ©Eshu यह कविता है टीचर की विदाई #Butterfly