सब क्षणभंगुर है...स्थायी कुछ भी नहीं😊 प्रेम वहीं खड़ा रहेगा हम आगे निकल जाएँगे, मुश्किल होगा सम्भलना याद जब भी आएँगे। सोचेंगे तुम्हें, तुम्हें ढूँढेंगे; तुम नज़र नहीं आओगे, अलग हो चुके रास्ते भला कैसे मिल पाएँगे? अपनी तन्हाई को तुम कविताओं में लिख देना, हम पढ़ लेंगे हर बार तुम्हें और सीने से लगाएँगे। अपनी बेचैनी को तुम हवाओं संग भेजा करना; पैग़ाम तुम्हारा देख कर, हम दौड़े चले आएँगे। जब याद हमारी आएगी दिल को तुम समझा देना, हम जीवन से तो चले गए पर यादों से ना जाएँगे। #कुछ_यूं_ही #deepthought