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212 212 212 दर्द भी तो कोई बाँटता

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दर्द  भी  तो  कोई  बाँटता 
वो  मेरा  प्यार  पहचानता !
रात है  रात का  ग़म  नहीं
रोशनी  को  ज़रा  जानता !
ज़िस्म गर क़ैद है  तो क्या
रूह  बंधन   नहीं  मानता !
उल्फ़तों की ज़मीं बँट रही
नफ़रतों का  गगन तानता !
ज़िन्दगी साँस की आस में
दिल मेरा धड़कने माँगता !
लूट कर ले गया  जान भी
दिल उसी को रहा चाहता !
दर्द  पीता  रहा  आजतक
दर्द   से   है   मेरा  राबता !

©malay_28 #राबता
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दर्द  भी  तो  कोई  बाँटता 
वो  मेरा  प्यार  पहचानता !
रात है  रात का  ग़म  नहीं
रोशनी  को  ज़रा  जानता !
ज़िस्म गर क़ैद है  तो क्या
रूह  बंधन   नहीं  मानता !
उल्फ़तों की ज़मीं बँट रही
नफ़रतों का  गगन तानता !
ज़िन्दगी साँस की आस में
दिल मेरा धड़कने माँगता !
लूट कर ले गया  जान भी
दिल उसी को रहा चाहता !
दर्द  पीता  रहा  आजतक
दर्द   से   है   मेरा  राबता !

©malay_28 #राबता
malay285956

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