हर कोई है दुख में सारा जहान जैसे शोक माना रहा है इसमें कैसे कोई खुशियां मनाए कैसे कोई हंसकर दिन बिताए यही खयाल आ रहा है.... कैसे कोई भीड़ में फिर भी पटाखे जला रहा है .... कैसे कोई सबकुछ देखते हुए भी मौत को जैसे दावत पर बुला रहा है .... थोड़ा रुकने और ठहरने को ही कह रहे है सब नुकशान पैसों का जो तुम्हारा है .... देखो ना बाहर कितनो का नुकसान शमशान के बाहर लंबी लाइनों में नजर आ रहा है.... कहने की जरूरत है क्या की we have to be aware and more responsible for us for our country for our world .... #mywritingmywords #yqdidi #yqdada #yqbaba #yqhindi #yqhindiwriters #covid19outbreak