सडक अंधेरी और साथ ख्याल ढेरो उंगली पर गिनता रहा अरमान ढेरो मैं घबराया नहीं अधूरा ख्वाब देख कर मैं डरता हूँ रात ठहरे न...लिए अंधकार ढेरो मुझे काँटो का डर दे रहा है ये जमाना पीठ पर हैं तलवारो के है निशान ढेरो जमीं पे नापते फ़िरते हो क्यों अंगुल दो अंगुल फ़लक़ पर खाली पड़ा है आसमान ढेरो इक बूँद आंसु का बुझा दे न आगv मेरा मैं झेल तो आया हूँ तूफ़ान ढेरो #kaccha_shayar #insomnia