केंद्र सरकार ने जनगणना 2021 को लेकर तैयारी शुरू भी कर ही नहीं थी कि करुणा की तीसरी लहर आ गई अब अगले 2 से 3 महीने तक इस दिशा में काम नहीं हो सकेंगे जनगणना शुरू होने और उसके पूरे होने में अनुमान 3 से 4 साल का समय लगता है सरकार ने मार्च 2019 में इसकी अधिसूचना जारी कर दी थी मगर वह समय के हिसाब से जनगणना होती तो अधिसूचना जारी होने के 3 साल बाद यानी इस साल तक आरंभिक आंकड़े आते इसमें भी पहले परिवारों को गिनती होती अंतिम आंकड़े 2030 से पहले नहीं आते 2022 के अंत में शिवनाथ नीति 2005 अभी तक आपने आएंगे 3 साल बार फिर से 2023 तक इसकी गणना की तरह फुल मूवी माना जा रहा है कि इसे देखते हुए सरकार इस बार कीचड़ घंटा सकती है किसी भी देश को विकसित की रस्सी पर ले जाने में जनगणना के आंकड़े कीमत होती है बल्कि की व्यवस्था और से जुडे ने पहलुओं काम करने का अवसर भी प्रदान करती है इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों के लिए योजना और नीति निर्धारण के मुल्ले जानकारी समझाकर का कार्य जनगणना के आंकड़े की दोस्ती करा दें जान सके विषय सके बारे में जानकारी जुदाई जाते है क्षेत्र विशेष के विकास के लिए वैसे मैंने में दुर्घटना प्राप्ति आंकड़ों के भागीदारी बड़ा जाती है जनगणना की आंख लोग आपके गुणगान के गाना दिया जाता है ©Ek villain # जनगणना को डालना उचित नहीं #HappyNewYear