बस्ती-बस्ती घोर उदासी पर्वत-पर्वत खालीपन, मन हीरा बेमोल बिक गया घिस-घिस रीता तन-चंदन, इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की है, एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन। #KumarVishwassir