White "रास्ते" पर "गति" की सीमा है, "बैंक" में "पैसों" की सीमा है, "परीक्षा" में "समय" की सीमा है, परंतु हमारी "सोच" की कोई सीमा नहीं है , इसलिए सदा "श्रेष्ठ" सोचे और "श्रेष्ठ" पाए । साँसे किसी का इंतज़ार नहीं करतीं ! चलती हैं या चल देती हैं !! चिंता इतनी कीजिए की काम हो जाए पर इतनी नही की जिंदगी तमाम हो जाए मालूम सबको है कि जिंदगी बेहाल है, लोग फिर भी पूछते हैं और सुनाओ क्या हाल है ©Mahesh Chekhaliya #Shiva