तुम्हारी चाहतों से रोशन यह ज़िन्दगी तुम्हारी सांसों की ख़ुशबू से महकती ज़िन्दगी तुम प्रेम की बारिश शीतल करती मन मेरा बंजर भूमि सी तुम बिन यह ज़िन्दगी छीना वक्त और किस्मत ने जब से तुझे ज़िन्दगी वीरान हुआ मन आँगन मेरा तुम बिन ज़िन्दगी अब भी यक़ीन दिल को महबूब के लौट आने का हर आहटों से लगे कि कहीं वो तो नहीं, ज़िन्दगी 🎀 Challenge-189 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 Font छोटा रखिए ताकि वालपेपर खराब न हो। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।