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*नया इलाहाबाद* ------ इतिहास के पृष्ठों पर स्तंभ-अ

*नया इलाहाबाद*
------
इतिहास के पृष्ठों पर
स्तंभ-अभिलेखों पर
पथराई नजरों से
ठंडे हाथों से
नदी-नालों का
खेत-खलिहानों का
शहर-नगरी में 
तपती दुपहरी में
संगम के तट पर
कण-कण छानते हुए
देख अतीत के
अपने रूप-नक्शे
दिखा इलाहाबाद
उदास! उदास! उदास

बोला
उदास मन से
रखना मेरे अतीत को
बच्चों
याद! याद! याद

मैं हूं प्रयागराज
नया इलाहाबाद।
•••
नरेन्द्र सोनकर 'कुमार सोनकरन' प्रयागराज।

©Narendra Sonkar *नया इलाहाबाद*
*नया इलाहाबाद*
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इतिहास के पृष्ठों पर
स्तंभ-अभिलेखों पर
पथराई नजरों से
ठंडे हाथों से
नदी-नालों का
खेत-खलिहानों का
शहर-नगरी में 
तपती दुपहरी में
संगम के तट पर
कण-कण छानते हुए
देख अतीत के
अपने रूप-नक्शे
दिखा इलाहाबाद
उदास! उदास! उदास

बोला
उदास मन से
रखना मेरे अतीत को
बच्चों
याद! याद! याद

मैं हूं प्रयागराज
नया इलाहाबाद।
•••
नरेन्द्र सोनकर 'कुमार सोनकरन' प्रयागराज।

©Narendra Sonkar *नया इलाहाबाद*