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हज़ारों ख्वाबों को रोज समझाता हूँ तुम्हारी बातों

हज़ारों ख्वाबों को रोज समझाता हूँ
तुम्हारी  बातों  से, उन्हें  बहलाता हूँ
होगा  किसी    दिन, तुमसे   सामना
यही  कहकर, मिठी नींद  सुलाता हूँ
29 जून 2023

©Sanjay Ni_ra_la
  हज़ारों ख्वाबों को रोज समझाता हूँ

हज़ारों ख्वाबों को रोज समझाता हूँ #लव

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