Read caption आज फिर बारिश के मौसम में तुम्हारा मेरे लिए चाय बनाना .... और कहना 'चलो आज चाय बनाता हूँ' बहुत याद आया मेरा साथ मे'पकौड़ो' की फरमाइश करना... बहुत याद आया बंद खिड़की पर मुह से गर्म साँस छोड़कर उसपर दिल बनाकर.... वो तुम्हारा मेरा और खुद का नाम लिखना ... बहुत याद आया। घंटो बैठकर गपशप करना .... बहुत याद आया तुम नहीं हो तो खाली जगह पर तुम्हारी तस्वीर रख लेती हूँ प्रिय फिर सवाल करती हूँ कि क्या जाना इतना ज़रूरी था? आज तक समझ नहीं पाई की तुम्हारा ये फैसला चुनाव था ..... या मजबूरी था। तुम बिन अब बंद खिड़की पर लिखना अच्छा नहीं लगता बैठी बैठी अब बस खिड़की पर बारिश की बूँदे गिनती हूँ कुछ तो रहम करो मैं लौट आओ ना .... की गुजारिश हूँ... विनती हूँ। #yqbaba#yqdidi#yqtales#yqquotes#ज़िन्दगी#मनकीबातें#तुम #YourQuoteAndMine Collaborating with Rana फिर बारिश के मौसम में तुम्हारा मेरे लिए चाय बनाना .... और कहना 'चलो आज चाय बनाता हूँ' बहुत याद आया मेरा साथ मे'पकौड़ो' की फरमाइश करना... बहुत याद आया बंद खिड़की पर मुह से गर्म साँस छोड़कर