सामीप्य से अधिक कष्टदायी कुछ भी नहीं यह ऐसी परिस्थिति है, जो अकारण ही वेदना का कारण बन जाती। अब तुम ही बताओ? इन सुनहले केशों को दोष दें कि उनके प्रति सहज स्नेहाकर्षण के सामीप्य को! #shamaurtanhai #182 #365days365quotes #anam