महोब्बत का ये सलीका बचा कर रखूं,
अश्क आंखों में कहीं छुपाकर रखूं
दर्द इतना है कि तडफ पड़े खुदा मेरा,
और मैं कब तक खुद कोसमझा कर रखूं
ये रौशनी तारीक मिटाती क्या,
या किवाड मकान में अब लगा कर रखूं
मेरा इश्क तुझसे रिहाई चाहता है,
दावेदार अब भी क्या इसे बनाकर रखूं... #Pain#Love#gajal#nijotoaudio