Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुमति कुमति सब कें उर रहहीं।नाथ पुरान निगम अस कहही

सुमति कुमति सब कें उर रहहीं।नाथ पुरान निगम अस कहहीं॥
जहाँ सुमति तहँ संपति नाना।जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना॥
हे नाथ ! पुराण और वेद ऐसा कहते हैं कि सुबुद्धि (अच्छी बुद्धि) और कुबुद्धि (खोटी बुद्धि) सबके हृदय में रहती है, जहाँ सुबुद्धि है, वहाँ नाना प्रकार की संपदाएँ (सुख की स्थिति) रहती हैं और जहाँ कुबुद्धि है वहाँ विभिन्न प्रकार की विपत्ति (दुःख) का वाश होता है। 
🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सुमति कुमति सब कें उर रहहीं।नाथ पुरान निगम अस कहहीं॥
जहाँ सुमति तहँ संपति नाना।जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना॥
हे नाथ ! पुराण और वेद ऐसा कहते हैं कि सुबुद्धि (अच्छी बुद्धि) और कुबुद्धि (खोटी बुद्धि) सबके हृदय में रहती है, जहाँ सुबुद्धि है, वहाँ नाना प्रकार की संपदाएँ (सुख की स्थिति) रहती हैं और जहाँ कुबुद्धि है वहाँ विभिन्न प्रकार की विपत्ति (दुःख) का वाश होता है। 
🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
सुमति कुमति सब कें उर रहहीं।नाथ पुरान निगम अस कहहीं॥
जहाँ सुमति तहँ संपति नाना।जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना॥
हे नाथ ! पुराण और वेद ऐसा कहते हैं कि सुबुद्धि (अच्छी बुद्धि) और कुबुद्धि (खोटी बुद्धि) सबके हृदय में रहती है, जहाँ सुबुद्धि है, वहाँ नाना प्रकार की संपदाएँ (सुख की स्थिति) रहती हैं और जहाँ कुबुद्धि है वहाँ विभिन्न प्रकार की विपत्ति (दुःख) का वाश होता है। 
🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' सुमति कुमति सब कें उर रहहीं।नाथ पुरान निगम अस कहहीं॥
जहाँ सुमति तहँ संपति नाना।जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना॥
हे नाथ ! पुराण और वेद ऐसा कहते हैं कि सुबुद्धि (अच्छी बुद्धि) और कुबुद्धि (खोटी बुद्धि) सबके हृदय में रहती है, जहाँ सुबुद्धि है, वहाँ नाना प्रकार की संपदाएँ (सुख की स्थिति) रहती हैं और जहाँ कुबुद्धि है वहाँ विभिन्न प्रकार की विपत्ति (दुःख) का वाश होता है। 
🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹