जब चले हवा किसी रोज सवेरे गले लगा लूँ तुमको मैं जब आये बारिश और छत न हो बाहों में तुम्हे छुपा लूँ मैैं जब पूछें कोई कौन हो तुम परछाई खुद की बता दूं मैैं तुम चाहत हो हो तलब मेरी तुमसे मैं और हम है बस अब तुम दरिया हो मैं कश्ती हूँ अब चाहे भला डूबा दो तुम हम तेरे है बस तेरे थे और तेरी ही ये जिंदगानी है मैं हूँ बस तेरा शायर जाना और तु बस मेरी कहानी है नशीली कलम❤ #शायरी #कहानी #गुस्सा #प्यार