Nojoto: Largest Storytelling Platform

Unsplash बारिश की रात थी। खिड़की पर बारिश की बूंदो

Unsplash बारिश की रात थी। खिड़की पर बारिश की बूंदों की लयबद्ध धड़कन के साथ ही, आकाश के मन में भी एक तूफान सा उठ रहा था।  मीरा, उसके सामने चाय की चुस्कियाँ ले रही थी, बेखबर उसकी उदासी से। आकाश ने हिम्मत जुटाकर कहा, "मीरा, हमें बात करनी चाहिए।" मीरा ने उसे देखा, उसकी आँखों में चिंता झलक रही थी। "क्या हुआ, आकाश? तुम ठीक तो हो ना?" आकाश ने धीरे से कहा, "मुझे लगता है... हमें कुछ समय के लिए अलग रहना चाहिए।" मीरा का चेहरा शून्य हो गया। "अलग रहना? क्यों?" आकाश ने निराशा से कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा, मीरा। मुझे लगता है... मैं तुम्हें जितना प्यार करता हूँ, उतना तुम नहीं करती हो।"

©Bipin Rathod #Book
Unsplash बारिश की रात थी। खिड़की पर बारिश की बूंदों की लयबद्ध धड़कन के साथ ही, आकाश के मन में भी एक तूफान सा उठ रहा था।  मीरा, उसके सामने चाय की चुस्कियाँ ले रही थी, बेखबर उसकी उदासी से। आकाश ने हिम्मत जुटाकर कहा, "मीरा, हमें बात करनी चाहिए।" मीरा ने उसे देखा, उसकी आँखों में चिंता झलक रही थी। "क्या हुआ, आकाश? तुम ठीक तो हो ना?" आकाश ने धीरे से कहा, "मुझे लगता है... हमें कुछ समय के लिए अलग रहना चाहिए।" मीरा का चेहरा शून्य हो गया। "अलग रहना? क्यों?" आकाश ने निराशा से कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा, मीरा। मुझे लगता है... मैं तुम्हें जितना प्यार करता हूँ, उतना तुम नहीं करती हो।"

©Bipin Rathod #Book
bipinrathod5629

Bipin Rathod

New Creator
streak icon1