ज़माना बढ़ गया तेज़ रफ्तार के साथ नए नएं आविष्कारों का थाम कर हाथ बड़ी लंबी दौड़ है ये जिसमें कई आगे तो कई पीछे छूट गए मोबाइल के हवाले ही मानो, रिश्ते जैसे सिमट कर रह गए हालचाल पूछ लिए मोबाइल पर ही मिलने जुलने के मानो ज़माने भीत गए हर सख्श बन चुका है इस दौड़ का हिस्सा अब कोई और आवाज सुनने की फुरसत नहीं किसीको सिवाय इस मोबाइल के रिंगटोंस की आवाज की जगह ।।। ©varsha khanwani #addiction #addiction