तलब दुनिया के मुहब्बत की- अब रह न गयी सीने में,. अब मुहब्बत मुझे मेरे रब से करना है। और मंज़िल की तलाश में निकल पड़ा है मुसाफिर -बुलंद मकाम हासिल कर के ही दम भरना है।। © utkarsh #lovewithgod #nightthoughts