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ये रात है कि हमको हमसे ज्यादा जानती है, मेरे हर गम

ये रात है कि हमको हमसे ज्यादा जानती है,
मेरे हर गम को मुझसे ज्यादा पहचानती है।

गुफ़्तगू जब होती है रात में यादों से,
तब दिल को न जाने क्यों सुकून आता  है।

ये अश्क़ भी रात को अब बेहक से जाते है अक्सर,
न जाने क्यों सहर में साथ छोड़ जाते है अक्सर।

यूँही जल्दी अब सहर नही होती है मेरी ,
रात का पहर अब सालो से होता है मेरा। #ये_रात_है_कि 
हमको हमसे ज्यादा जानती है,
#mrshabdkaar
ये रात है कि हमको हमसे ज्यादा जानती है,
मेरे हर गम को मुझसे ज्यादा पहचानती है।

गुफ़्तगू जब होती है रात में यादों से,
तब दिल को न जाने क्यों सुकून आता  है।

ये अश्क़ भी रात को अब बेहक से जाते है अक्सर,
न जाने क्यों सहर में साथ छोड़ जाते है अक्सर।

यूँही जल्दी अब सहर नही होती है मेरी ,
रात का पहर अब सालो से होता है मेरा। #ये_रात_है_कि 
हमको हमसे ज्यादा जानती है,
#mrshabdkaar
mrshabdkaar3558

Mr shabdkaar

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