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मा की ममता मा का वर्णन करना यारो मुमकिन नहीं नामुम

मा की ममता
मा का वर्णन करना यारो
मुमकिन नहीं नामुमकिन है ।


सगरी धरा को बुक बनाऊ 
सगरे नीर को स्याही ।

जब लिखने बैठू ममता मा की
तो बुक स्याही कम परजाय ' ।

दुनियाॅ में मा ही सबसे दानी है
 मेहनत पसीने की कमाई
 बच्चो पर करती निसंकोच खर्च ।

और थकी हारी होने पर भी
अपनी न करके परवाह
बच्चों को भूखा देख
ना रह पाती है माता । 
सारी थकावट दूर हो जाती देख 
अपने भूखे बच्चों को ।

तुरन्त बनाती हैं खाना
चाहे रात हो या दोपहरी ।

मा की लीला अद्भुत है
 जितना वर्णन करु
उतना ही
 मोकू कम  लागै ।
अशोक कुमार Poet
धन्यवाद

 

। मा की ममता 
छोटी कविता
मा की ममता
मा का वर्णन करना यारो
मुमकिन नहीं नामुमकिन है ।


सगरी धरा को बुक बनाऊ 
सगरे नीर को स्याही ।

जब लिखने बैठू ममता मा की
तो बुक स्याही कम परजाय ' ।

दुनियाॅ में मा ही सबसे दानी है
 मेहनत पसीने की कमाई
 बच्चो पर करती निसंकोच खर्च ।

और थकी हारी होने पर भी
अपनी न करके परवाह
बच्चों को भूखा देख
ना रह पाती है माता । 
सारी थकावट दूर हो जाती देख 
अपने भूखे बच्चों को ।

तुरन्त बनाती हैं खाना
चाहे रात हो या दोपहरी ।

मा की लीला अद्भुत है
 जितना वर्णन करु
उतना ही
 मोकू कम  लागै ।
अशोक कुमार Poet
धन्यवाद

 

। मा की ममता 
छोटी कविता