शाम के नाम लिखा है पत्र हमने अतीत के क्षणों से स्याही भरकर दर्द दिल में लिए कुछ हसीं पलों को लिखता मैं जा रहा आंखों को तर कर ज़िक्र शामों का तो ज़िक्र तेरा भी हुआ वह गीली सी रेत और गहरा समंदर सूरज की लाली और लहरों की मस्ती और बाहों में तेरी खो जाना सिमटकर ज़मीं पर पैरों के अनगिनत निशां और खिलती हंसी जो तेरे लबों पर जन्मों के वादे और कसमें मोहब्बत की जो धूमिल हो गईं कहीं उसी जगह पर आज शाम के नाम लिखा है पत्र हमने अतीत के क्षणों से स्याही भरकर शाम के नाम लिखा... #शामकेनाम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #भुवनेश #yqbaba #yqhindi #yqbhaijan