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नाम-ए-मोहम्मद से खुशबू-ए-वफा आती है, उनके रोजे से

नाम-ए-मोहम्मद से खुशबू-ए-वफा आती है, 
उनके रोजे से उम्मती उम्मती की सदा आती है, 
काश कि बैठूं मैं मदीने की गलियों में,
कहते हैं कि वहां जन्नत से हवा आती है...

©Abu Bakkar Siddique
  Muhammad

Muhammad #Shayari

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