Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी बैठ अकेले अराम से सोचना मुझे जैसा तुम चाहोगी

कभी बैठ अकेले अराम से सोचना मुझे 
जैसा तुम चाहोगी बैसा ही मिलूगा मैं   
जो डूब के देखोगी ज्जबातो में थोड़ा तनहा थोड़ा आजाद मिलूंगा 
मैं हरघड़ी तुम्हे तुम्हारा सरताज मिलूंगा  
जो चिढ आने लगे हरकतो से मेरी तुम्हे दिमाग से नही दिल से सोचना तुम थोड़े आहिस्ता आहिस्ता मेरे किरदार को भापना
मैं कुछ तुम्हे मनाता हुआ बार बार मिलूगा 
मैं चाँद न सही पर हर दफा करारा मिलूगा  
जो सब्र से देखोगी तो हर पल तुम्हारा मिलूंगा   
  #NojotoQuote
कभी बैठ अकेले अराम से सोचना मुझे 
जैसा तुम चाहोगी बैसा ही मिलूगा मैं   
जो डूब के देखोगी ज्जबातो में थोड़ा तनहा थोड़ा आजाद मिलूंगा 
मैं हरघड़ी तुम्हे तुम्हारा सरताज मिलूंगा  
जो चिढ आने लगे हरकतो से मेरी तुम्हे दिमाग से नही दिल से सोचना तुम थोड़े आहिस्ता आहिस्ता मेरे किरदार को भापना
मैं कुछ तुम्हे मनाता हुआ बार बार मिलूगा 
मैं चाँद न सही पर हर दफा करारा मिलूगा  
जो सब्र से देखोगी तो हर पल तुम्हारा मिलूंगा   
  #NojotoQuote