हम जी रहे हैं कोई बहाना किए बग़ैर, उस के बग़ैर उस की तमन्ना किए बग़ैर... -जौन एलिया #NojotoQuote हम जी रहे हैं कोई बहाना किए बग़ैर, उस के बग़ैर उस की तमन्ना किए बग़ैर... आज जौन एलिया जी की इस ग़ज़ल पर दिल आ कर ठहर गया...गलत क्या कहते हैं शायर, बस बात पढ़े जाने के तज़ुर्बे पर रुकती है कि कितना ही समझा जा रहा है जो लिखा गया है... ज़िन्दगी अक़्सर कुछ ऐसे मुक़ामों पर रुकी मिलती है कि चाहते हुए भी हम वहाँ से आगे न बढ़ पाएँ, कोई शिक़ायत, कोई शिक़वे किए बग़ैर भी बस उस वक़्त के बोझ तले हम दफ़न होते हैं जिसमें कुछ खोया हो...उसके वापस आने की उम्मीद में, उसे फिर से निहार पाने की चाहत में, दिल में कोई गुस्सा, कोई