चाँद सा चेहरा जब नजरों में समाने लगें जब देखा तुझे हम खुद़ में ही खो जाने लगें दिन-रात तेरे ख़्वाबों से नीदं चुरानेें लगेंं वो नूरानी चेहरा आँखों में समाने लगें धीरे-धीरे तुम धड़कनों में उतर जाने लगें बे-पनाह इश्क़ सनम हम कर जाने लगें बेकरार दिल,तुम साँसों में हलचल मचाने लगें ओ सनम फिर तुम हमें याद आनें लगें कितना अजीब ये रिश्ता ,वो था इक फ़रिश्ता आज फ़िर एहसास बनकर दिल में उतर जाने लगें हाँ Queen मोहब्बत का चाँद आसमाँ पर छाँने लगें दुआओं में उनके लिये ख़ुद-ब-ख़ुद हाथ उठ जाने लगें ।।। 🎀 Challenge-213 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।