खामोश है जो ये वो सदा है, वो जो नहीं है, वो कह रहा है। साथियों, तुमको मिले जीत ही जीत सदा, बस इतना याद रहे, एक साथी और भी था।। जाओ जो लौट के तुम, घर हो खुशी से भरा, बस इतना याद रहे, एक साथी और भी था।। कल तुमसे बिछड़ी हुई ममता जो फिर से मिले, कल फूल चेहरा कोई जब तुमसे मिल के खिले। पाओ तुम इतनी खुशी, मिट जाएँ सारे गिले, पाओ तुम इतनी खुशी, मिट जाएँ सारे गिले।। है प्यार जिनसे तुम्हें साथ रहे वो सदा, बस इतना याद रहे, एक साथी और भी था।। अच्छा चलता हूँ, दुआओं में याद रखना, मेरे ज़िक्र का जुबां पे स्वाद रखना। दिल के संदूकों में, मेरे अच्छे काम रखना, चिट्ठी तारों में भी मेरा तू सलाम रखना।। ©Khamosh Zindagi #खामोश है जो ये वो सदा है, वो जो नहीं है, वो कह रहा है। साथियों, तुमको मिले जीत ही #जीत सदा, बस इतना #याद रहे, एक साथी और भी था।। जाओ जो #लौट के तुम, घर हो #खुशी से भरा, बस इतना #याद रहे, एक #साथी और भी था।।