मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा तेरा वादा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा मुझको समझाओ न मेरी जिंदगी के असूल एक दिन मैं खुद ही ठोकर खा के संभल जाऊँगा। Afzal Guru