किसी रोज़ छॉंव की तलाश में किसी रोज छाँव की तलाश में, भटकती रहेगी ये जिंदगी। कहने को तो होंगे कहीं सहरा और दरिया मगर, उसमें पानी को देखने के लिए तरसती रहेगी ये जिंदगी। चलो मान लिया समुंदर होगा नज़रों के सामने मगर, एक बूंद पानी की ,पीने के लिए तड़पती रहेगी ये ज़िन्दगी। #AareyForest