जब आह उठी मन-भीतर से तुम भी तरसे हम भी तरसे हम भींग गए सुधि भूल पिया इस भाँति दुखी नयना बरसे तुम दूर गए हम से जबसे तबसे हमने इक साँस न ली न उगी खुशियाँ फिर जीवन में हम खेत हुए पर ऊसर-से ©Ghumnam Gautam #सवैया #छंद #काव्य #आह #खेत #ऊसर #साँस #ghumnamgautam