काम काज की ना तुम बात करना मुझसे यारों केवल हंगामा खड़ा करना ही मक़सद है मेरा ...!!!! मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया पूरा का पूरा .... आम जनता की मेहनत की कमाई से चलने वाली संसद में जनता के लिए ही काम नहीं होता .... जब एक व्यक्ति को बिना काम सैलेरी नहीं मिलती तो इन सांसदों को बिना काम वेतन क्यों मिलता है , इनके लिए भी यही नियम होना चहिये "काम नहीं तो वेतन - भत्ता नहीं " पर ये भी पता है कि ऐसे कोई नियम इनके लिए के लिए कभीनहीं बनेंगे .... ये भी जानते हैं हम कि हमारे कहने से कुछ बदलने वाला नहीं बस लिख कर मन की भड़ास निकाल ली हमने 😃😃😛😛