मसरूर हो उठते थे हम ,उन्हे मसरूफ देख कर मशगूल हो उठते थे हम ,उन्हे मारी तरफ देख कर मुस्कुरा दिया करतीं थीं वो ,अपनी मौसकी भरी नजरों से मगरूर हो उठते थे हम ,उन्हे 'हमे' मकबूल देख कर मसरूर = खुश , आनंद मसरूफ = काम मे लगा देख के मशगूल = वयस्त मौसकी = संगीत मगरूर = घमंडी मकबूल= मान्य,कबूल करना #yourquote #quote #stories #qotd #quoteoftheday #wordporn #quotestagram #wordswag #wordsofwisdom #inspirationalquotes #writeaway #thoughts #poetry #instawriters #writersofinstagram #writersofig #writersofindia #igwriters #igwritersclub