इश्क़ को तुम न समझी, दिल मेरा दिया तूने तोड़, तेरा हुस्न हुवा कमजोर महादेव भक्ति में है ज़ोर।। मोह माया से वंचित कर गयी ऐसी मेरी ठोकर महाकाल की भक्ति में नाचूँ मैं बनकर जोकर अब चाहे जो तू करले मैं खुद ही लिया भ्रम तोड़ तेरा हुस्न हुवा कमजोर महादेव भक्ति में है जोर।। महादेव