कोई वोट मांगे हिन्दू कहकर कोई माँगे कहकर मुसलमान है ये चुनाव हो रहा है या एक बार फिर बाँटा जा रहा हिंदुस्तान है... कोई परिवार परिवार खेल रहा कोई खेलता बुआ भतीजा बहन भी उतरी है मैदान मे क्योंकि फसा पड़ा भाई का जीजा कोई गुण गाता था जिसके कभी आज वो उसको गाली बक रहा कोई चीख चीख कर बोल रहा चौकीदार सबको ठग रहा ये नेता है हरबार बदल जाया करते है समझ नही आता बस एक सवाल हम इनके नाम पर क्यों लड़ते है ये जीते तो भी इनकी मौज हारे तो भी मौज रहेगी हम है बिल्कुल आम सी जनता हमे काम की जरूरत रोज रहेगी वोट करे जो लगे सही लड़ने में भैया क्या रखा है सब की अपनी सोच अपनी राय फिर तेरा मेरा क्या लगा रखा है वोट करे बकलोली नही... कोई वोट मांगे हिन्दू कहकर कोई माँगे कहकर मुसलमान है ये चुनाव हो रहा है या एक बार फिर बाँटा जा रहा हिंदुस्तान है... कोई परिवार परिवार खेल रहा कोई खेलता बुआ भतीजा बहन भी उतरी है मैदान मे क्योंकि फसा पड़ा भाई का जीजा कोई गुण गाता था जिसके कभी आज वो उसको गाली बक रहा कोई चीख चीख कर बोल रहा चौकीदार सबको ठग रहा ये नेता है हरबार बदल जाया करते है समझ नही आता बस एक सवाल हम इनके नाम पर क्यों लड़ते है