सूनी गलियों में किया बसेरा जब तेरी याद आई गहरा बहुत था अन्धेरा जब तेरी याद आई हम लिख कर शायरी रातों को काटा करें हैं और रोते-रोते हुआ है सबेरा जब तेरी याद आई तस्वीर भी देखी तो भी सुकून ना मिला है फिर इन्हीं अन्धेरो में लाया इश्क़ तेरा जब तेरी याद आई अन्धेरी रात