उसका मन भी मनुष्य का ना होकर मशीनों जैसा होता जा रहा है कोई विशेष अवसर आया तो माता-पिता तक को मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए शुभकामनाएं एवं बधाई का मैसेज कर मान लिया जाता है उससे अपना कर्तव्य पूरा कर लिया भौतिक ताकि इस आंधी में परिवारिक स्नेह प्रेम की डोरी कहां उड़ गई यह पता ही नहीं पहले जो घर हुआ करते थे वह घर ना होकर अब केवल मकान रह गए हैं मकान का अर्थ इन पत्रों का ढांचा समझना चाहिए एक ही मकान में परिवार के लोग तो जरूर है लेकिन सब अपने ही दुनिया में खोए हैं ©Ek villain #Winters रोजमर्रा की जिंदगी में मशीनों ने हमें घेर लिया है