न ज़माने की फिक्र हैं हमें न ज़माने का खौफ साथ आपका चाहते हैं चाहे ज़माना रहे हमसे बेखौफ़ मेरा वजूद आपसे हैं मेरी जिन्दगी आपसे हैं फिर ज़माने की फिक्र क्यों करें हम जमाना गर है बेखौफ तो मैं भी बेखौफ हूँ वज़ूद बताने की क़ाबिल गर अभी नहीं हूँ बेशक, पर कोशिश जारी रखी हूँ......... अपना वजुद ही नहीं बताना बल्कि उन दबे आवाज को उठाना है जो सही होकर भी चुप होकर लाचार बैठे है.... खुदा से है बस इतनी ही दुआ कर देना मौला मेरे इस प्रयास को पूरा...आमीन 🤲🤲🤲 11th August 2021 ko likhi My Notes me ✍️