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- ग़ज़ल की पाठशाला - (पाठ१) ग़ज़ल:शिल्प और संरचना

- ग़ज़ल की पाठशाला -
(पाठ१)
ग़ज़ल:शिल्प और संरचना
  ( तकती/बहर)
  तकतीअ:वो विधि जिसके द्वारा किसी मिसरे(पंक्ति )या शे'र को अरकानो के तराजू पर तौलते हैं, ' तकतीअ' कहलाती है। तकतीअ से पता चलता है कि शे'र  किस बहर  में है,या बहर  से खारिज है।
बहर : एक मीटर है, लय है, ताल  है,जो अरकानो या उनके जिहाफों के  साथ एक निश्चित तरकीब से बनती है।(पाठ २ कल की पाठशाला में)

©डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)
  #l ग़ज़ल की पाठशाला (१)