महिला दिवस.. हां मैं स्त्री हूं... मुझे भी हक है... रीढ़ की हड्डी हूं मैं गर फिर अपवित्र क्यों हुई? नौ महीने पेट में रखकर, पांच दिन मंदिर न गई? उत्पन्न किया जिसने उस पालनहार को क्यों अछूत फिर हुई? कन्या पूजन में बिठाते गर, भ्रूणहत्या क्यों हुई? रक्षासूत्र गर बंधवाते उससे, इज्जत उसकी क्यों छुई? #स्त्रीअस्तित्व #स्त्रीत्व #रीढ़कीहड्डी #महिला_दिवस #तूलिका #महिला_सम्मान #महिलादिवस #tulikagarg