तू इतनी खुद गर्ज़ क्यू हे अए जिन्दगी-2 कभी तू अपने ही तरीके से नचाती हे तो कभी खामोश हो जाती हे कभी तू अपनो को भी अपना बना देती हे तो कभी अपनो को भी पराया तू इतनी खुद गर्ज़ क्यू हे अए जिन्दगी, तेरा मेरा रिश्ता तो हे बहोत घेहरा क्यू तू पेश आती हे मुझसे अनजानो की तरह क्यू तू शहमीसी रहती हे ए जिन्दगी क्यू तू खुद गर्ज़ की तरह हे ए जिन्दगी तू इतनी खुद गर्ज़ क्यू हे अए जिन्दगी, तू तो हर पल हे साथ मेरे ए जिन्दगी चाहे दिन हो या रात तू साथ हे मेरे ए जिन्दगी फिर तू क्यू रुठी रुठी सी हे ए जिन्दगी तू क्यू मेरी हर पल परीक्षा लेती हे ए जिन्दगी तू इतनी खुद गर्ज़ क्यू हे अए जिन्दगी, तू मुझे खुश क्यू नही देख सकती ए जिन्दगी क्यू तू हमेशा गम के उफान लाती हे क्यू तुझसे मेरी खुशी नही देखी जाती ए जिन्दगी क्यू तू अपने ही तरीके से चलती हे तू इतनी खुद गर्ज़ क्यू हे अए जिन्दगी, By ~ Rया मालवीय ((riya_malviy) #Silence #aye_zindagi #poem #keepsupporting ❤ #like #follow #plz_support_me