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हे प्राण प्रिय! प्रेम पुष्प मन उपवन का प्रेम मधु

हे प्राण प्रिय!


प्रेम पुष्प मन उपवन का
प्रेम मधुर स्पर्श पवन का
प्रेम प्रतीक अमन का
प्रेम आधार अध्यात्म का
प्रेम आधार दर्शन का
प्रेम आधार जीवन का "प्रेम दर्शन है, प्रदर्शन नहीं", जब उसने रात के अँधेरे में 'जुगनू' के प्रकाश में किसी किताब में यह पढ़ा तब वह इसका अर्थ नहीं समझ पाया लेकिन उसने अपने मन की डायरी में इसको लिख लिया ताकि वह इसपर विचार कर सके।
कभी कभी वो सुबह घूमते हुए इसके बारे में सोचता, किताबें पढ़ता और कभी रामगंगा किनारे पानी की लहरों को observe करते हुए इन्हीं विचारों में खुद को खो देता लेकिन उसे अर्थ का सम्पूर्ण अहसास न हो पा रहा, वो अहसास जो हमें कुछ जानने पर होता है एक illusion की तरह। फ़िर अंततः उसने अपने महान गुरु से इस पर च
हे प्राण प्रिय!


प्रेम पुष्प मन उपवन का
प्रेम मधुर स्पर्श पवन का
प्रेम प्रतीक अमन का
प्रेम आधार अध्यात्म का
प्रेम आधार दर्शन का
प्रेम आधार जीवन का "प्रेम दर्शन है, प्रदर्शन नहीं", जब उसने रात के अँधेरे में 'जुगनू' के प्रकाश में किसी किताब में यह पढ़ा तब वह इसका अर्थ नहीं समझ पाया लेकिन उसने अपने मन की डायरी में इसको लिख लिया ताकि वह इसपर विचार कर सके।
कभी कभी वो सुबह घूमते हुए इसके बारे में सोचता, किताबें पढ़ता और कभी रामगंगा किनारे पानी की लहरों को observe करते हुए इन्हीं विचारों में खुद को खो देता लेकिन उसे अर्थ का सम्पूर्ण अहसास न हो पा रहा, वो अहसास जो हमें कुछ जानने पर होता है एक illusion की तरह। फ़िर अंततः उसने अपने महान गुरु से इस पर च