स्त्री हूं मैं..! अधूरी हूं..! बिन सुहाग..! जो पा लिया उन्हे..! तो मान लिया उन्हें सौभाग्य..! मेरा श्रृंगार भी उन्हीं से..! मेरा सौभाग्य भी उन्हीं से..! मेरे अधरो पर बिखरी है जो, वो मुस्कान भी उन्हीं से..! इस जीवन की यही कामना..! जब तक चले सांसों का साथ..! मेरा श्रृंगार बना रहे मुझमें, मेरी शोभा बन के..... ©Poonam #सुहाग #सौभाग्य #KarwachauthFast