यूँही किसी से कुछ पल दिल लगाकर फिर दिल से दूर ना करिये यूँही किसी को जीने मरने के सपने दिखाकर चकनाचूर ना करिये ये खेल नहीं इश्क है जनाब! जरा तो ईमानदारी से पेश आइये ना यूँही दिल का खेल खेलकर दिलजले बनने पर मजबूर ना करिये ©आजाद पंछी pcj दिलजले बनने पर मजबूर ना करिये