अंतर्मन पावन चितवन चंचल सोख अदाएं मन मंदिर को शुद्द भाव से प्रेम का भोग लगाएँ II ****** रूह की पंखुड़ियाँ हो पुलकित ग़र दिल तेरा निश्चल दिप्त धोतित होगा मन तेरा रौनक होंगी महफ़िल II ******* ©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप" #UskeHaath Nîkîtã Guptā