अर्ध-निंद्रा में ही बातें शुरू हो जाती है, बंद आखों से मुलाकाते शुरू हो जाती है! कितनी मोहब्बत है तुमसे नहीं जानते , रात होती नहीं सपनों में बातें हो जाती है ! एक बिस्तर पर ही लेटे-लेटे तेरे संग , हजार बातों की यादें नई हो जाती है ! बाहों में लेकर सीने से लगा ले " सुशील " कई जन्म में मिलने की दुआएं हो जाती है! जिस कदर आया है तू मेरी जिंदगी में , मेरे दुखों पर सुख की बरसातें हो जाती है ! एहसास तेरा तेरे जाने के बाद भी रहता है, यूँ बेवफाई पर भी वफाएँ याद हो जाती है! अर्ध-निंद्रा में ही बातें शुरू हो जाती है, बंद आखों से मुलाकाते शुरू हो जाती है! कितनी मोहब्बत है तुमसे नहीं जानते , रात होती नहीं सपनों में बातें हो जाती है ! एक बिस्तर पर ही लेटे-लेटे तेरे संग , हजार बातों की यादें नई हो जाती है !