बढ़ने दो तपन जलने दो बदन मन कुंदन कुंदन होने दो चलने दो पवन होने को हवन तन चन्दन चन्दन होने दो उठने दो अगन उड़ने दो सघन कहीं तो स्पंदन होने दो कहने को कहन सुनने को वचन नहीं तो क्रंदन होने दो भरने दो नयन करने दो शयन पाथर का प्रेम पिघलने दो सुनने दो मगन रहने दो विजन नव प्रीतम गीत निकलने दो माटी का सजन माटी में मिलन अब वंदन वंदन होने दो। ©Sj..✍ #शुभाक्षरी #Nojoto_hindi