जब मुझे चाहिए कुछ भी नहीं तो हो सकता है , मेरा यहाँ युँ बार बार आना तुम्हे फिजुल लगता हो , पर सच कहुँ तो मेरे शुकून का , मेरी ज़िन्दगी में , मेरी चाहतो से है वास्ता कोई नहीं ... घड़ी की सूई जो चलती ही रहती है यूँही टक टक टक करके , मेरी हसरतो के लिए , मेरी ज़िम्मेदारियो को थोड़ा थामे रहकर , इस वक्त में वापिस लौट आने का हैँ रास्ता भी कोई नहीं ... ©Monika Suman #ms #monikabijendra