अब मुझसे मन भर गया तो दूजा आशिक फसाना भी हो गया दिल तोड़ के तुम चली क्योंकि ये हम-नशीं तो पुराना हो गया यादों की गलियों में टहलते-टहलते तुझ संग बिताए लम्हें याद कर मेरा टूटा हुआ क़ल्ब तो फिर से आशिकाना हो गया ग़म-ए-फ़ुर्क़त ने तो तेरे सनम के इतने आब-ए-चश्म बहाए कि उदास बने आशिक का नशा करना,तेरे बेवफ़ाई का बहाना हो गया दर्द-ए-दिल ने तड़पाया इतना कि मेरा अस्तित्व होकर भी तेरे झूठे इश्क़ के बा'ईस से मेरा ,तेरे इश्क़ में मर जाना हो गया तेरे हसरत-ए-दीद करने शाम-ओ-सहर तेरे दिल की गलियों में आने वाले मुझ आशिक का पता मेरे शहर का पागलखाना हो गया Tigress girl ♥️ Challenge-584 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।